कुदरत की नियती
hello !
आप सभी कैसे है आशा करती हूँ आप सभी ठीक होंगे।
आप सभी घर में रहिये और सुरक्षित रहिये।
आज मैं आप सब के साथ एक कहानी शेयर करने जा रही हूँ ,
आशा है आप लोग को पसंद आएगी।
जैसे की आज के समय में कई लोग ऐसे है जो अपनी प्रॉब्लम से जुझ रहे है , हर तरह से प्रयास कर रहे है है बहुत से लोग लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही है। कई तो ऐसे भी है जो भगवान को खुश करने में कोई कमी नहीं छोड़ते लेकिन फिर भी उनके साथ कुछ अच्छा नहीं हो पा रहा , तो उनके मन में आता होगा की कहा में भगवन में लगा हु , मेरे साथ तो कुछ अच्छा हो ही नहीं रहा तो।
तो ऐसी बात को लेके मैं एक कहानी ले हु आपके सब के बीच।
कुदरत की नियती
एक मंदिर था उसमे एक पुजारी था बो भगवन की बहुत अच्छे से सेवा करता था खाना खाना भूल जाये लेकिन भगवन की आराधना में कोई कसर नहीं छोड़ता था , वो मध्यम परिवार का था एक दिन वो सोचता भगवन खड़े-खड़े थक जाते होंगे तो वो ऐसे ही भगवान से बात कर रहा था इत्ते में भगवन प्रकट हो गए उसने बोला प्रभु आप थक जाते होंगे आप बैठ जाइये , भगवन बोले नहीं में नहीं बैठ सकता तो पुजारी बोला ठीक है आप की जगह में खड़ा हो जाता हु आप बैठ जाइये भगवन बोले ठीक में तुम्हारा भेस ले लेता हु फिर भगवान पुजारी बन गए और पुजारी भगवान बन गया , फिर पुजारी बोला की आप नगरी घूमके के आइये की नगरी में क्या क्या हो रहा है। भगवन बोले की तुम मेरी जगह खड़े तो हो गए हो लेकिन कोई ए उसकी बट मत सुन्ना ओट कुछ मत बोला बस खड़े रहना पुजारी बोला ठीक हैं। फिर भगवान नगरी भमण में निकल जाते है , फिर मंदिर में एक व्ययपारी आता है वो भगवान और धनि होंने की कामना करता है उसी समय उसके जेब से कुछ स्वर्ण सिक्के गिर जाते है , जो पुजारी भगवान बना था वो बोलना चाह रहा था लेकिन भगवन की बात याद आ जाती है तो कुछ नहीं बोल पाता और व्ययपारी बाहर चला जाता है फिर एक गरीब किसान आता है उसके ज्यादा कुछ नहीं था वो भगवन के सामने बहुत रोता है और परिस्थतियों को सही करने बोलता है और उसको उसकी बेटी की भी सदी करनी थी लेकिन उसके कुछ धन नहीं था , उस समय भी पुजारी जो भगवान बना था उसे बहुत बुरा लग रहा था वो कुछ बोलना छह रहा था लेकिन मजबूर था भगवन के कारण "तब उसके दिमाग में बात आई की भगवन सबको नदरअंदाज करते है नहीं सुनते बस खड़े खड़े लोगो को देखते रहते है उसे बहुत गुस्सा भी आ रहा था।" फिर जब किसान जाने उसे वो स्वर्ण सिक्के मिल जाते और वो बहुत खुश होता है और जाने लगता है फिर व्यायपारी को पता चल जाता है की उसके सिक्के गिर गए है वो ढूंढ़ता है उसे नहीं मिलते है वो पुलिस को बुला लेता है तो किसान निकल नहीं पाता है।इत्ते में पुजारी जो भगवन बना हुआ था बो बोल देता की किसान के पास है सिक्के फिर क्या..... भगवन लौट कर आये और उनने जाना कि क्या क्या हुआ इस मंदिर में फिर - भगवान उसे बताये की , की क्यों मैं बस खड़ा रहता हूँ कुछ नहीं बोलता हु क्योकि जो धनी व्ययपारी था, उसके उत्ते सिक्के से कुछ नहीं अगर घूम भी जाते तो लेकिन किसान को अगर वो सिक्के मिल जाते तो उसकी ज़िंदगी सवर जाती उसकी लड़की की सदी भी हो जाती। क्योकि जो लोग धरती में आये है उनकी किस्मत और उनके साथ कब क्या होना है सब पहले से निश्चित है।
लेकिन पुजारी के बोलके सब बिगड़ दिया।
इसे ही कहते है " कुदरत की नियति "
तो भगवन सब देखते है सब सुनते है बस आप अपने कर्म कीजिये आपके साथ सब अच्छा होगा।
और गरीबो की मद्दत करते रहिये।
गरीबो की दुआए जल्दी लगती।
"धन्यवाद"
आप सभी अपना सहयोग देते रहिये।

Admirable 😌
ReplyDeleteTrust in God 💞 always....
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